गैंगस्टर विकास दुबे मध्य प्रदेश के उत्तर प्रदेश के कानपुर ले जाते समय शुक्रवार सुबह एक सड़क दुर्घटना के बाद हुई मुठभेड़ में मारा गया, उसे कल गिरफ्तार किया गया था।

कानपुर से महज एक घंटे की दूरी पर, जिस कार में विकास दुबे को ले जाया जा रहा था, वह बारिश के कारण राजमार्ग पर पलट गई और पुलिस के अनुसार, बंदूक छीनने के बाद उसने भागने की कोशिश की। उसे गोली मार दी गई, उसके साथियों ने भी इसी तरह भागने की कोशिश करी थी उस दौरान उन्हें भी पुलिस ने मार गिराया है।

लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या वाकई विकास दुबे ने भागने की कोशिश की, इसलिए उसे मार गिराया गया या इसके पीछे कोई और राज है। ये बात पहले ही साफ हो चुकी है कि उसका नाम कई राजनीतिज्ञों और पुलिस वालों से जुड़ा था और उसके पकड़े जाने के बाद कई खुलासे हो सकते थे। कई काले कारनामों का पर्दाफाश हो सकता था। लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा।

विकास का राजनैतिक कनेक्शन

विकास दुबे 25 साल से राजनीति दलों के साथ सक्रिय था। वह 15 साल बसपा के, 5 साल बीजेपी के साथ और 5 साल सपा के साथ रहा था। मोस्टवांटेड विकास दुबे का 2006 का वीडियो सामने आया है। वीडियो में उसने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरिकिशन श्रीवास्तव का को अपना राजनैतिक गुरु बताया है और कहा कि, 'मैं अपराधी नहीं हूं, मेरी जंग राजनीतिक वर्चस्व की जंग है और ये मरते दम तक जारी रहेगी। '

गैंगस्टर विकास दुबे का साल 2017 का वीडियो भी सामने आया है। इसमें विकास दुबे ने बताया कि कैसे एक हत्या में उसका नाम कथित रूप से डाला गया था। वीडियो में विकास दुबे ने बिल्हौर से बीजेपी विधायक भगवती प्रसाद सागर और बिठूर से बीजेपी विधायक अभिजीत सांगा के नाम का जिक्र किया। इसके अलावा उसने ब्लॉक प्रमुख राजेश कमल, जिला पंचायत अध्यक्ष गुड्डन कटियार के नाम भी लिए थे।

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