Facts Update- ये देश खरीदता है रूस से सबसे ज्यादा तेल, जानिए इसके बारे में

By Jitendra Jangid- दोस्तो हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाया है, जो भारत के लिए परेशानी का सबब है, इससे अमेरिका के साथ व्यापारी ऱिश्तों में तनाव बढ़ रहा हैं, इसी बीच रूस के साथ भारत के बढ़ते आर्थिक संबंधों, खासकर तेल और ऊर्जा क्षेत्र में, की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है। इस मामले पर पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री ने बयान जारी किया हैं, आइए जानते हैं क्या हैं उनका कहना- 

प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सीधे नाम लिए बिना, प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से बात की।

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा।

उनके इस संदेश को विदेशी दबाव के खिलाफ, खासकर राष्ट्रीय आर्थिक नीतियों से जुड़े मामलों में, एक दृढ़ रुख के रूप में देखा गया।

अमेरिका भारत से क्यों नाराज़ है?

इस टैरिफ का मुख्य कारण रूस के साथ भारत के निरंतर व्यापारिक संबंध प्रतीत होते हैं, जबकि अमेरिका बार-बार आर्थिक संबंधों को सीमित करने का अनुरोध करता रहा है।

अमेरिका ने भारत पर तेल, गैस और कोयला खरीदकर रूस को आर्थिक रूप से मदद करने का आरोप लगाया है - अमेरिका का दावा है कि यह कदम रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों को कमजोर करता है।

रूस से सबसे ज़्यादा तेल कौन खरीदता है?

आरोपों के विपरीत, भारत रूसी ऊर्जा का सबसे बड़ा खरीदार नहीं है।

चीन रूस से लगभग 219.5 अरब डॉलर मूल्य का तेल, गैस और कोयला खरीदकर इस मामले में सबसे आगे है।

भारत लगभग 133.4 अरब डॉलर मूल्य के ऊर्जा संसाधनों का आयात करके दूसरे स्थान पर है।

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