होम लोन सस्ता हुआ! EMI घटाएं या टेन्योर? जानिए कौन-सा विकल्प है ज्यादा फायदेमंद

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने इस साल दो बार मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में कुल 50 बेसिस पॉइंट की रेपो रेट में कटौती की है। इसका असर बैंकों के होम लोन पर भी पड़ा है, जिससे मौजूदा और नए होम लोन अब पहले से सस्ते हो गए हैं।

अब सवाल यह है कि जब ब्याज दरें कम हुई हैं, तो ग्राहक EMI घटाएं या फिर लोन की अवधि कम करें? दोनों के फायदे हैं, लेकिन ज्यादा बचत कहां होगी, आइए जानें।


📉 RBI की रेपो रेट कटौती का क्या असर?

RBI ने फरवरी और अप्रैल 2025 में क्रमशः 25-25 बेसिस पॉइंट की कटौती की, जिससे कुल 50 बेसिस पॉइंट की कमी हुई है। अब बैंक अपने रीसेट डेट पर ब्याज दरों को कम करेंगे और ग्राहक को दो विकल्प मिलेंगे:

  1. EMI घटाएं
  2. EMI समान रखते हुए लोन की अवधि (Tenure) कम करें

🔄 EMI घटाने और टेन्योर कम करने में अंतर

1. EMI घटाएं:

  • तुरंत मासिक राहत मिलती है
  • लेकिन कुल ब्याज ज्यादा देना पड़ता है

2. टेन्योर घटाएं:

  • EMI समान रहती है
  • लोन जल्दी खत्म होता है
  • कुल ब्याज में बड़ी बचत होती है

📊 उदाहरण से समझें कितना फायदा मिलेगा

मान लीजिए:

  • लोन राशि: ₹40 लाख
  • पुरानी ब्याज दर: 8.5% → नई ब्याज दर: 8%
  • अवधि: 20 साल

विकल्प 1: EMI घटाएं

  • पुरानी EMI: ₹34,713
  • नई EMI: ₹33,458
  • मासिक बचत: ₹1,255
  • कुल ब्याज बचत: ₹3.01 लाख

विकल्प 2: टेन्योर घटाएं

  • टेन्योर घटकर 18.33 साल
  • लोन 20 महीने पहले खत्म
  • कुल ब्याज बचत: ₹6.93 लाख

➡️ अंतर: ₹3.92 लाख ज्यादा बचत टेन्योर घटाने से


✅ कौन-सा विकल्प चुनें?

  • EMI घटाना तब बेहतर है जब आपकी मासिक आय सीमित हो
  • लेकिन अगर EMI भरने में दिक्कत नहीं है, तो टेन्योर घटाना ज्यादा फायदेमंद रहेगा

🔔 एक्सपर्ट सलाह:

अपने बैंक से कहें कि ब्याज कटौती का लाभ टेन्योर कम करके दें, EMI कम करके नहीं—अगर आपकी कैश फ्लो सही है।