मोदी सरकार ₹20 लाख तक के सस्ते ब्याज दरों पर लोन दे रही है, जानें कौन से बैंक ये सुविधा प्रदान कर रहे हैं
- bySagar
- 22 Apr, 2025

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत, नरेंद्र मोदी सरकार लोगों को अपने व्यवसाय को शुरू करने या विस्तार करने के लिए ₹20 लाख तक के बिना गारंटी वाले लोन सस्ते ब्याज दरों पर प्रदान कर रही है। यह घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संघीय बजट 2024-25 में की थी, जिसमें लोन की सीमा ₹20 लाख तक बढ़ाई गई। यह नई सीमा 24 अक्टूबर 2024 से प्रभावी हो गई।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) क्या है?
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना छोटे व्यवसायों और उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है। इस योजना के तहत, गारंटी मुक्त लोन दिया जाता है, जिससे यह उन लोगों के लिए भी सुलभ हो जाता है जिनके पास संपत्ति नहीं है। इस योजना के तहत कई लोग अपना व्यवसाय शुरू करने में सक्षम हुए हैं।
यह योजना चार श्रेणियों में विभाजित है:
- शिशु: ₹50,000 तक के लोन
- किशोर: ₹50,000 से ₹5 लाख तक के लोन
- तरुण: ₹5 लाख से ₹10 लाख तक के लोन
- तरुण प्लस: ₹10 लाख से ₹20 लाख तक के लोन
कौन से बैंक प्रदान कर रहे हैं मुद्रा लोन?
मुद्रा लोन निम्नलिखित सदस्य ऋण संस्थानों (MLIs) द्वारा प्रदान किया जाता है:
- निर्धारित वाणिज्यिक बैंक
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRBs)
- स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFBs)
- नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियाँ (NBFCs)
- सूक्ष्म वित्त संस्थाएँ (MFIs)
इन बैंकों द्वारा बिना गारंटी वाले लोन प्रदान किए जाते हैं, जो छोटे व्यवसायों को शुरू करने या विस्तार करने में मदद करते हैं।
मुद्रा योजना की सफलता का एक दशक
मुद्रा योजना को दस साल पहले लॉन्च किया गया था और इसने कई उद्यमियों के लिए गेम-चेंजर साबित हुआ है। इस योजना के तहत 52 करोड़ से अधिक लोन अकाउंट खोले गए हैं, जिससे उद्यमिता गतिविधियों में वृद्धि हुई है। योजना का एक प्रमुख लाभ यह है कि इसमें 68% लाभार्थी महिलाएं हैं। इसके अतिरिक्त, FY 2016 और FY 2025 के बीच महिलाओं को दी गई राशि में 13% की वार्षिक वृद्धि हुई है, जो ₹62,679 तक पहुंच गई है।
कैसे योजना उद्यमियों की मदद कर रही है
मुद्रा योजना ने अनगिनत उद्यमियों को अपना व्यवसाय शुरू करने और विस्तार करने का अवसर दिया है, जिससे रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं और आर्थिक विकास में योगदान हो रहा है। लोन की सीमा बढ़ाकर ₹20 लाख करने से आने वाले वर्षों में छोटे व्यवसायों को और अधिक समर्थन मिलने की उम्मीद है।