पीएम मोदी के पीछे चल रही महिला कमांडो की तस्वीर वायरल, क्या है फोटो के पीछे की सच्चाई?

PC: indiatvnews

संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पीछे चलने वाली एक महिला एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) कमांडो की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस वायरल तस्वीर को लेकर पोस्ट की बाढ़ आ गई है। लोग सरकार की तारीफ कर रहे हैं और इसे महिला सशक्तिकरण से जोड़ रहे है।

सूत्रों के मुताबिक, यह पहली बार नहीं है कि महिला एसपीजी कमांडो किसी गणमान्य व्यक्ति के साथ दिख रही हैं, उन्हें 2015 में ही इस प्रतिष्ठित बल - एसपीजी में शामिल किया गया था। उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में महिलाओं को अग्रिम तैनाती के लिए एसपीजी में रखा जाता था। उन्होंने बताया कि वायरल तस्वीर संसद के अंदर की है। एसपीजी की महिलाएं संसद में तैनात हैं।

एक्स यूजर रुचि कोकचा (@ruchikokcha) ने पोस्ट करते हुए कहा, "हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनके पीछे एक महिला कमांडो को देखकर अच्छा लगा। यह सही मायने में महिला सशक्तिकरण है। यह वास्तविक नारीवाद की जीत है।"

एक अन्य एक्स यूजर डॉ. सुधाकर के (@DrSudhakar_) ने कहा, "पीएम की एसपीजी में महिला कमांडो! अग्निवीर से लेकर लड़ाकू पायलट तक, लड़ाकू पदों से लेकर प्रधानमंत्री की एसपीजी में कमांडो तक, सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी काफी बढ़ गई है और महिलाएं आगे बढ़कर नेतृत्व कर रही हैं। महिलाओं को और अधिक शक्ति मिले। पीएम @narendramodi जी को धन्यवाद। #नारीशक्ति।"

महिला एसपीजी कमांडो की क्या जिम्मेदारियां होती हैं?

अग्रिम तैनाती के तौर पर, ये महिला एसपीजी किसी भी महिला अतिथि की तलाशी के लिए गेट पर तैनात होती हैं।

इसके साथ ही, प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए संसद में आने वाले आगंतुकों पर भी महिला एसपीजी नजर रखती हैं। जब कोई महिला अतिथि प्रधानमंत्री से मिलने आती है, तो वे सतर्क रहती हैं, उनकी निगरानी, ​​तलाशी और अतिथि को पीएम तक पहुंचाने के लिए उन्हें तैनात किया जाता है।

सूत्रों ने यह भी बताया कि क्लोज प्रोटेक्शन टीम (सीपीटी) के लिए महिला कमांडो की तैनाती 2015 से शुरू की गई है। यही नहीं, जब प्रधानमंत्री किसी विदेश यात्रा पर जाते हैं, तो उस दौरान भी महिला एसपीजी कमांडो को विदेश भेजा जाता है, जो वहां एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (एएसएल) के लिए काम करती हैं।

वे वहां एडवांस डिप्लॉयमेंट के तौर पर जाती हैं और सुरक्षा के सभी पहलुओं पर अधिकारियों की मदद करती हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस समय एसपीजी में करीब 100 महिला कमांडो हैं, जो न सिर्फ क्लोज प्रोटेक्शन में रहती हैं, बल्कि एडवांस सिक्योरिटी लाइजन में भी तैनात रहती हैं।

एसपीजी की स्थापना कब हुई?

प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके नजदीकी परिवार के सदस्यों को नजदीकी सुरक्षा कवर मुहैया कराने के इरादे से 1985 में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की स्थापना की गई थी। एसपीजी अधिकारियों में उच्च नेतृत्व क्षमता, व्यावसायिकता, नजदीकी सुरक्षा का ज्ञान और आगे बढ़कर नेतृत्व करने की संस्कृति होती है। एसपीजी ने न सिर्फ अपने काम में बल्कि आईबी और राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों के साथ मिलकर समग्र सुरक्षा व्यवस्था में भी नए-नए तरीके अपनाकर इसे हासिल करने की कोशिश की है।