ईआरसीपी परियोजना पर सियासी घमासान: भाजपा ने कांग्रेस को घेरा, मदन राठौड़ बोले - गहलोत बहा रहे घड़ियाली आंसू
- bySagar
- 12 Apr, 2025
लेखक: यश मित्तल | प्रकाशित तिथि: 12 अप्रैल 2025
राजस्थान में एक बार फिर ईआरसीपी (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना) को लेकर सियासी संग्राम तेज हो गया है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कांग्रेस पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि तीन बार मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत अब इस परियोजना पर जनता को गुमराह कर रहे हैं और "घड़ियाली आंसू" बहा रहे हैं।
भाजपा का गहलोत पर हमला: 15 साल सरकार चलाई, फिर भी परियोजना अधूरी
मदन राठौड़ ने शुक्रवार, 11 अप्रैल को मीडिया से बातचीत में कहा कि अशोक गहलोत अब जनता को जवाब दें कि जब उन्हें तीन बार मुख्यमंत्री बनाया गया और उन्होंने करीब 15 वर्षों तक प्रदेश की सत्ता संभाली, तब ईआरसीपी को क्यों अधूरा छोड़ा? क्या सिर्फ बयानबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप से जनता को पानी मिलेगा?
उन्होंने कहा कि यह काम “जादू की छड़ी” से नहीं होता, बल्कि इच्छाशक्ति और समर्पण की जरूरत होती है, जो कांग्रेस सरकार में कभी दिखा ही नहीं।
“गहलोत सरकार ने 5 साल तक परियोजना को लटकाया” – मदन राठौड़
राठौड़ ने कांग्रेस की पूर्व सरकार को आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने खुद इस परियोजना को पाँच साल तक लटकाए रखा। केंद्र सरकार ने कई बार गहलोत सरकार को बातचीत के लिए दिल्ली बुलाया, लेकिन कोई प्रतिनिधि नहीं गया। इससे साफ होता है कि उस समय की सरकार राजस्थान की जल समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं थी।
गहलोत का पलटवार: “राजे झालावाड़ तक सीमित न रहें”
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे पर निशाना साधते हुए कहा कि वो सिर्फ झालावाड़ की समस्याओं तक सीमित न रहें। उन्होंने पूछा कि अगर वो वास्तव में ईमानदार हैं, तो ईआरसीपी-पीकेसी (अब रामसेतु परियोजना) से जुड़ी सच्चाई जनता को बताएं। उन्होंने एमओयू पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उसमें कोई दम नहीं है।
यह बयान उन्होंने ज्योतिबा फुले जयंती के अवसर पर सहकार भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में दिया था। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी उनके साथ मौजूद थे।
क्या है ईआरसीपी और क्यों बन गई है सियासी जंग की वजह?
ईआरसीपी, यानी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना, का उद्देश्य राज्य के 13 जिलों में जल आपूर्ति करना है। लेकिन पिछले कई वर्षों से यह योजना राजनीतिक खींचतान का शिकार बनी हुई है। अब भाजपा इसे लेकर कांग्रेस पर हमलावर है, वहीं कांग्रेस भाजपा की मंशा पर सवाल खड़े कर रही है।
राजस्थान की राजनीति में ईआरसीपी अब केवल एक परियोजना नहीं, बल्कि सियासी प्रतिष्ठा का विषय बन गई है। जनता को जल संकट से राहत कब मिलेगी, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन फिलहाल तो इस मुद्दे पर सियासी बयानबाजी तेज हो चुकी है।






