संसद में 50,000 रुपये की नकदी मिलने पर कांग्रेस नेता ने दिया बयान, कहा- ''50,000 रुपये ले जाना कोई बड़ी बात नहीं है'

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित राज्यसभा सीट से कथित तौर पर 50,000 रुपये बरामद होने के विवाद पर प्रतिक्रिया दी। रमेश ने तर्क दिया कि 50,000 रुपये नकद ले जाना न तो असामान्य है और न ही संदिग्ध, उन्होंने बताया कि भाजपा के सांसदों सहित कई सांसदों ने संसद में इतनी ही राशि ले जाने की बात स्वीकार की है।

रमेश ने कहा, "मेरे सहयोगी मनु सिंघवी का नाम लिया गया और उनका नाम लेना बिल्कुल गलत था। शाम 6 बजे के बाद सदन की तलाशी ली गई। यह कहां से आया? इसकी जांच करवाएं और मामला स्पष्ट हो जाएगा।"

उन्होंने घटना की निष्पक्ष जांच की भी मांग की। उन्होंने कहा, "संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन करें। हम जांच से भाग नहीं रहे हैं। यह सरकार की साजिश है।"

रमेश ने दावा किया कि उन्होंने दिन में भाजपा के सदस्यों सहित 5-6 सांसदों से बात की थी, जिन्होंने उन्हें अपने पास 50,000 रुपये दिखाए। उन्होंने कहा, "अगर किसी की जेब में 50,000 रुपये हैं, तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है।"

उन्होंने स्पष्ट किया कि वे संसद में इतनी बड़ी रकम लेकर नहीं आते हैं। कांग्रेस नेता की यह टिप्पणी राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा यह खुलासा किए जाने के बाद आई है कि संसद सुरक्षा अधिकारियों ने नियमित जांच के दौरान सीट संख्या 222 से करेंसी नोटों की गड्डी बरामद की है। वर्तमान में यह सीट अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित है।

धनखड़ ने शुक्रवार को राज्यसभा में घोषणा की, "कानून के अनुसार जांच की जाएगी।" सिंघवी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे आमतौर पर संसद में उपस्थित होने के दौरान अपने साथ केवल 500 रुपये ही रखते हैं।

उन्होंने कहा, "मैं जब भी राज्यसभा जाता हूं, तो केवल 500 रुपये का नोट लेकर जाता हूं। मैंने इस बारे में पहली बार सुना। मैं दोपहर 12.57 बजे सदन पहुंचा और सदन दोपहर 1 बजे उठा। इसके बाद मैं अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के साथ दोपहर 1.30 बजे तक कैंटीन में बैठा और संसद से चला गया।" सिंघवी ने जांच का स्वागत किया और इसी तरह के आरोपों को रोकने के लिए संरचनात्मक बदलावों का सुझाव दिया।

उन्होंने कहा, "इसका मतलब है कि हममें से हर किसी के पास एक सीट होनी चाहिए, जहां सीट को खुद ही लॉक किया जा सके और चाबी सांसद अपने साथ ले जा सकें, क्योंकि तब हर कोई सीट पर बैठकर कुछ भी कर सकता है और इस तरह के आरोप लगा सकता है।"

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने जांच पूरी होने से पहले सिंघवी का नाम लेने के लिए धनखड़ की आलोचना की।

खड़गे ने कहा, "जब तक इसकी पुष्टि नहीं हो जाती, तब तक उनके नाम का उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए।"