योजना बंद: मोदी सरकार ने इस लोकप्रिय योजना को किया बंद, जानें क्यों लिया गया यह फैसला

स्वर्ण मौद्रिकीकरण योजना: इस योजना को लाने का उद्देश्य देश में परिवारों और संस्थानों द्वारा रखे गए सोने को संगठित करना और दीर्घकालिक रूप से सोने के आयात पर निर्भरता को कम करना था।

स्वर्ण मौद्रिकीकरण योजना: सरकार ने बाजार की बेहतर होती स्थिति को देखते हुए स्वर्ण मौद्रिकीकरण योजना (GMS) को बंद करने का निर्णय लिया है। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। हालांकि, मंत्रालय ने कहा कि बैंक अपनी एक से तीन वर्ष की अल्पकालिक स्वर्ण जमा योजनाओं को जारी रख सकते हैं।

10 साल पहले हुई थी शुरुआत

सरकार ने इस योजना की घोषणा 15 सितंबर 2015 को की थी। इसे लाने का उद्देश्य देश में परिवारों और संस्थानों के पास रखे सोने को संगठित करना था, ताकि इसका उत्पादक कार्यों में उपयोग किया जा सके और देश की सोने के आयात पर निर्भरता को कम किया जा सके। नवंबर 2024 तक सरकार ने इस योजना के तहत लगभग 31,164 किलोग्राम सोना संग्रहीत किया था। इसमें से 7,509 किलोग्राम अल्पकालिक जमा, 9,728 किलोग्राम मध्यकालिक जमा और 13,926 किलोग्राम दीर्घकालिक जमा था। इस योजना में लगभग 5,693 जमाकर्ताओं ने भाग लिया था।

1 जनवरी 2024 को सोने की कीमत 63,920 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो 25 मार्च 2025 तक बढ़कर 90,450 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। यह कुल 41.5% यानी 26,530 रुपये की वृद्धि दर्शाता है।

तीन श्रेणियों में थी योजना

स्वर्ण मौद्रिकीकरण योजना के तहत तीन श्रेणियां थीं:

  1. अल्पकालिक बैंक जमा (1-3 वर्ष)
  2. मध्यकालिक सरकारी जमा (5-7 वर्ष)
  3. दीर्घकालिक सरकारी जमा (12-15 वर्ष)

बैंक खुद लेंगे निर्णय

सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, स्वर्ण मौद्रिकीकरण योजना के तहत बैंकों द्वारा दी जाने वाली अल्पकालिक बैंक जमा (STBD) सुविधा जारी रहेगी, लेकिन यह बैंकों के व्यावसायिक निर्णय पर निर्भर करेगा। बैंक अपने लाभ और व्यावसायिक हित को ध्यान में रखते हुए इस योजना को जारी रखने का निर्णय ले सकते हैं। इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के विस्तृत दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा।

वित्त मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि 26 मार्च 2025 से स्वर्ण मौद्रिकीकरण योजना के मध्यकालिक सरकारी जमा के तहत कोई नई स्वर्ण जमा स्वीकार नहीं की जाएगी। हालांकि, मौजूदा जमा अपने कार्यकाल के अंत तक जारी रहेगी और इस दौरान GMS के मौजूदा दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा।